इस्लामाबाद, 29 अगस्त (आईएएनएस)। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) की एक खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और तारिक महमूद जहांगीर शामिल थे, ने इस बहुप्रतीक्षित आरक्षित फैसले की घोषणा की।
कोर्ट ने कहा कि फैसले की कॉपी जल्द ही उपलब्ध होगी। सोमवार को इस मामले में प्रतिवादी पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के वकील ने अपनी दलीलें पूरी की।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आईएचसी परिसर के अंदर और बाहर पुलिस और अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कांस्टेबुलरी की भारी टुकड़ी मौजूद रही।
अलग से पूर्व प्रधानमंत्री की बहनें अलीमा और उज्मा खान भी अदालत पहुंचीं। इस बीच, पीटीआई प्रमुख की ओर से उनके वकील सुलेमान सफदर द्वारा एक याचिका दायर की गई है, जिसमें अदालत से संघीय जांच एजेंसी, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और पुलिस को उन्हें किसी अन्य मामले में गिरफ्तार करने से रोकने की प्रार्थना की गई।
खान की कानूनी टीम ने अदालत से इस याचिका पर आज सुनवाई करने का अनुरोध किया। जब आईएचसी पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई फिर से शुरू की, तो ईसीपी के वकील अमजद परवेज ने खान के मुख्य वकील लतीफ खोसा द्वारा उठाए गए बिंदुओं के जवाब में विस्तृत दलीलें पेश कीं।
25 अगस्त को मामले की पहली सुनवाई में खोसा ने तर्क दिया था कि ईसीपी द्वारा अधिकार क्षेत्र की कमी के कारण अनधिकृत शिकायत दर्ज करने के मद्देनजर इमरान की सजा को निलंबित कर दिया जाना चाहिए।
तथ्य यह है कि ट्रायल कोर्ट ने इमरान को केवल तीन साल जेल की सजा सुनाई थी, उन्हें उसे बचाव के अधिकार से वंचित कर दिया और शिकायत की विचारणीयता के बारे में दलीलें सुने बिना ही आदेश दे दिया।
–आईएएनएस
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