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आर्थिक स्थिरता की समीक्षा करेंगी वित्त मंत्री, बजट के बाद एफएसडीसी की पहली बैठक

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आर्थिक स्थिरता की समीक्षा करेंगी वित्त मंत्री, बजट के बाद एफएसडीसी की पहली बैठक

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दुनिया भर में आर्थिक स्थितियों को लेकर हो रहे बदलावों के बीच सोमवार को एक अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की स्थिरता व चुनौतियों की समीक्षा की जाएगी. इस अहक बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) भी हिस्सा लेंगी.

शामिल होंगे ये नियामक

न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन सोमवार को वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद यानी एफएसडीसी की बैठक (FSDC Meeting) में शामिल होंगी. इस दौरान वह वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगी. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि इस उच्चस्तरीय समिति की 27वीं बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) समेत वित्तीय क्षेत्र के सभी नियामक हिस्सा लेंगे.

बजट के बाद पहली बैठक

यह फरवरी में पेश हुए आम बजट के बाद चालू वित्त वर्ष में वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की पहली बैठक है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने इस साल फरवरी में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इस बार के आम बजट में 10,00,961 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पूंजीगत व्यय पर काफी जोर दिया गया है.

वित्त मंत्री करती हैं अध्यक्षता

एफएसडीसी फाइनेंस व बैंकिंग सेक्टर से जुड़े सभी घरेलू नियामकों का शीर्ष निकाय है. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं. एफएसडीसी नियमित अंतराल पर बैठक कर घरेलू अर्थव्यवस्था के हालातों की समीक्षा करती है. इस बैठक में आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार को बनाए रखने तथा सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के उपायों पर गौर किया जाता है.

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बैंकिंग संकट पर होगा विचार

रिपोर्ट के अनुसार, एफएसडीसी की ताजी बैठक में मौजूदा वैश्विक व घरेलू आर्थिक हालात के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता से जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा की जाएगी. बैठक के दौरान अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक की विफलता तथा यूरोप के सबसे बड़े बैंकों में शुमार रहे क्रेडिट सुइस के सामने आए नकदी संकट पर भी चर्चा होगी. बैठक में विचार किया जाएगा कि वैश्विक बैंकिंग संकट के मद्देनजर भारतीय बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र पर किस तरह का असर पड़ सकता है. सूत्रों ने बताया कि एफएसडीसी समावेशी आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए इससे पहले किए गए उपायों की समीक्षा भी करेगी.

रिजर्व बैंक को यह भरोसा

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने अपनी ताजा द्विमासिक नीतिगत समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है. हालांकि दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों समेत कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है.

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